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Team India Management is on Won Trap just Because of Motera Cricket Stadium Pitch for Day Night Test Jagran Special

अहमदाबाद, अभिषेक त्रिपाठी। कहावत है कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है। कुछ ऐसी ही हालत भारतीय टीम प्रबंधन की है। दो महीने पहले ही एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने भारतीय टीम को उसके निम्नतम स्कोर 36 रन पर ढेर कर दिया था। तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर भारतीय बल्लेबाज ‘सिर्फ मौरंग’ से बनी 11 मंजिला इमारत की तरह ढह गए थे।

उसके बाद भारतीय टीम ने रहाणे ब्रांड सीमेंट से इमारत को मजबूत किया और वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से ऐतिहासिक सीरीज जीती। हालांकि, भारत आते ही उसे चेन्नई में पहले मुकाबले में ‘सड़क जैसी पिच’ पर अंग्रेजों के सामने हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद बीसीसीआइ ने अपना ‘राम बाण’ निकाला और सूखी, खुरदुरी व टूटी पिच के चक्रव्यूह में अंग्रेजों को फंसाकर मात दी। अब सीरीज 1-1 की बराबरी पर है।

दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम की खूबसूरती सबके सामने आ चुकी है, लेकिन अब सब अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम की पिच को देखना चाहते हैं, क्योंकि भारत और इंग्लैंड की टीमें ही नहीं आयोजक और सीरीज भी ऐसे दोराहे पर हैं जहां एक ओर गुलाबी गेंद की चमक बरकरार रखने वाली घसियाली पिच है तो दूसरी ओर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के गुलाबी सपने संजोने वाली पिच। डे-नाइट टेस्ट में एसजी की गुलाबी गेंद का इस्तेमाल होगा। इसके निर्माता का मानना है कि अगर गेंद को ज्यादा देर तक चमकदार, ठोस रखना है और स्विंग हासिल करनी है तो पिच पर कम से कम छह-सात मिलीमीटर घास होनी चाहिए।

एसजी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद का कहना है कि टर्निग ट्रैक अच्छी बात है, लेकिन गुलाबी गेंद को 80 ओवर तक चलाने और उसकी चमक बरकरार रखने के लिए पिच पर कुछ घास की जरूरत होगी। विश्व में हमने देखा है कि क्यूरेटर डे-नाइट टेस्ट में छह-सात मिलीमीटर घास रखते हैं, जिससे गुलाबी गेंद की चमक बरकरार रहे। हालांकि, भारत में घरेलू परिस्थितियों का फायदा लेने के लिए शायद ऐसा नहीं हो, लेकिन पिच पर दो-तीन मिमी घास तो छोड़नी ही होगी, जिससे गेंद का रंग नहीं छूटे।

मालूम हो कि भारत में 2019 में ईडन गार्डेंस में हुए इकलौते डे-नाइट टेस्ट में ऐसा ही किया गया था। वहां पर भारतीय टीम ने बांग्लादेश को तीसरे दिन के शुरुआती घंटे में ही हरा दिया। कोलकाता में भारतीय तेज गेंदबाजों (इशांत शर्मा और उमेश यादव) ने कहर बरपाया था। उस मैच में इशांत ने नौ और उमेश ने आठ विकेट झटके थे। इशांत सरदार पटेल स्टेडियम में अपना 100वां टेस्ट खेलेंगे। जसप्रीत बुमराह का भी वापसी करना तय है। वह दूसरे टेस्ट मैच में नहीं खेले थे, उन्हें आराम दिया गया था। उमेश को भी टीम में शामिल कर लिया गया है और वह मैच फिट हो गए हैं।

बांग्लादेश नहीं ये अंग्रेज हैं

हालांकि, वह विपक्षी कमजोर बांग्लादेशी थे और यहां पर मजबूत अंग्रेज हैं। दुनियाभर में अब तक हुए 15 डे-नाइट टेस्ट में ऐसा हुआ भी है लेकिन यहां मामला गुलाबी गेंद की चमक का नहीं बल्कि टीम इंडिया के डर का है। भारतीय टीम प्रबंधन के अंदर एक डर है कि अगर हमने ज्यादा घास छोड़ी तो इंग्लैंड टीम में शामिल स्विंग मास्टर जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और जोफ्रा आर्चर बल्लेबाजों पर हावी न हो जाएं। हालांकि भारत के पास भी अच्छे तेज गेंदबाज हैं, लेकिन टीम प्रबंधन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहता है। अ

गर भारतीय टीम यह मैच हार गई तो उसका डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने का रास्ता रुक जाएगा। इंग्लैंड टीम को भी इस बात का अंदाजा हो गया है। इसलिए उसके सबसे अनुभवी गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने कहा कि यहां की पिच पर अभी घास है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि जब हम मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरेंगे तो पिच पर यह घास नहीं होगी इसलिए हमें इंतजार करना होगा। एक तेज गेंदबाज होने के नाते हमें हर तरह की परिस्थितियों में अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने के लिए तैयार रहना होगा। अगर स्विंग मिलती है तो यह शानदार होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तब भी हमें अपनी भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने कहा कि यह भारत में गुलाबी गेंद से दूसरा और फरवरी महीने में पहला टेस्ट मैच होगा इसलिए हम नहीं जानते कि यह कैसे व्यवहार करेगी। उन्होंने इंग्लैंड की रोटेशन नीति का बचाव करते हुए कहा कि इसके पीछे विचार यह था कि अगर मैं दूसरा टेस्ट नहीं खेल रहा हूं तो इससे मुझे गुलाबी गेंद से होने वाले टेस्ट के लिए अधिक फिट होकर मैदान पर उतरने का मौका मिलेगा। मैं अच्छा और तरोताजा महसूस कर रहा हूं और मौका मिलने पर फिर से खेलने के लिए तैयार हूं।

संयोजन पर फैसला अभी नहीं

भारत का बल्लेबाजी क्रम तो सेट है। गेंदबाजों पर फैसला मंगलवार की शाम या बुधवार की सुबह होगा। टीम इंडिया के पास तीन विकल्प हैं। अगर पिच पर घास छोड़ी जाएगी तो टीम तीन तेज गेंदबाजों इशांत, बुमराह और उमेश के साथ उतरेगा। इसके अलावा दो स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और अक्षर को मौका मिलेगा। अगर पिच से घास हटाई जाती है तो फिर दो तेज गेंदबाज इशांत और बुमराह के अलावा तीन स्पिनर अश्विन, अक्षर और कुलदीप खेल सकते हैं। हालांकि, ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को भी खिलाने का विकल्प खुला है। सबकुछ पिच पर और खिलाड़ियों की फिटनेस पर निर्भर करेगा।

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